Friday, October 10, 2008

शेयर बाज़ार

आज भी बाज़ार लगभग ८०० अंक गिरा । आगे क्या होगा, कहना सम्भव भी है और असंभव भी। हम १९३० के समान भयंकर समय में हैं। विश्व घनघोर मद्दी के दौर में है। जैसा की १९३० में हुआ था । मेरा पहले आंकलन ९००० के करीब था। लेकिन अब बाज़ार मुझे उससे भी खराब दिख रहा है। आप क्या सोचते है । आप के विचारों का मैं इंतज़ार करूँगा ।

1 comment:

Anonymous said...

शेयर बाजार को चलाने वाली दो भावनाएँ होतीं हैं लालच और डर । फिलहाल डर इतना ज्यादा है कि लोग खरीद ने की हिम्मत नही जुटा पा रहें पर ऐसा ज्यादा चल नही सकता क्योंकि पै,ा कमाने के लिये उन्हे बाजा़र में आना ही पडेगा ।